My name is Ankur kumar Yadav .My Highest Qualification B.tech in Computer Science. I am Currently worked in Dailymails Company Delhi. My Hobbies are SEO,SEM Marketing ,Email Marketing& Blogging.
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My name is Ankur Kumar Yadav .My Highest Qualification B. tech in Computer Science. I am Currently worked in Daily mails Company Delhi. My Hobbies are SEO,SEM Marketing ,Email Marketing& Blogging.
My Blog Read to Daily
मेरा नाम अंकुर कुमार यादव है। कंप्यूटर विज्ञान में मेरी सर्वोच्च योग्यता बी.टेक है। मैं वर्तमान में डेलीमेल्स कंपनी दिल्ली में कार्यरत हूँ। मेरे शौक SEO, SEM मार्केटिंग, ईमेल मार्केटिंग और ब्लॉगिंग हैं।
मेरा ब्लॉग रोज़ाना पढ़ें।
My dear friends I miss college days a lot. That's why I started writing a blog for my college. In this blog you will get all the information about my life. Events that have happened in my life so far. Now I have started my blog, as you keep growing on my blog, you will get more information on my blog. So friends come read my blog and enjoy the daily happenings of my life. Friends meet only for today, the next day.
Thank You My Dear Friends
मेरे प्यारे दोस्तों मुझे कॉलेज के दिन बहुत याद आते हैं। इसीलिए मैंने अपने कॉलेज के लिए ब्लॉग लिखना स्टार्ट किया है। इस ब्लॉग में आपको मेरे जीवन की सारी जाकारी मिलेंगे। जो अभी तक मेरे जीवन में घटनाये घटित हुयी है। अभी तो मैंने स्टार्ट किया है अपने ब्लॉग को जैसे -जैसे आप मेरे ब्लॉग पर बढ़ते जाओगे वैसे -वैसे आपको मेरे ब्लॉग पर और अधिक जानकारी मिलेगी। इसलिए दोस्तों आओ मेरे ब्लॉग को पढ़ो और मेरे जीवन की दैनिक घटित घटनाओं का आनन्द लो।
दोस्तों आज के लिए इतना ही मिलते है अगले दिन।
ये कहानी मेरी तब की जब मैं क्लास दो में था तब मेरे पिताजी मेरा नाम एक बड़े स्कूल में लिखवाने के लिए ले गए थे,तब में अपने गांव से पढ़ाई करके गया था गांव की पढ़ाई कुछ खाश नहीं थी केवल मजे किये थे हमको अपना नाम भी अंग्रेजी में लिखना नहीं आता था और कुछ ऐसा ही मेरे साथ हुआ जब मेरा उस बड़े स्कूल में टेस्ट हुआ तो मै तो अपने गांव से क्लास चार तक पढाई करके गया था तो मन में सोच रहा था की मेरा नाम क्लास पांच में लिख जायेगा लेकिन दोस्तों मेरे साथ कुछ ऐसा हुआ की मेरा टेस्ट लिया गया तो मै टेस्ट में बहुत काम थोड़ा बहुत कर पाया तो उस हिसाब से मेरा नाम कच्छा दो में लिखा गया। इतना ही नहीं दोस्तों मेरे साथ दो लोड और भी पढ़ने के लिए गए थे। जिसमे से एक लोग का नाम क्लास एक में और दूसरे लोग का छः में हुआ इस प्रकार से हम लोग साथ -साथ पढ़ाई करने लगे। अब दोस्तों बारी थी की वंहा मेरा घर तो था नहीं तो रुका कहा जाये तब दोस्तों रुकने के लिए मेरे साथ जो मेरा दोस्त जो था तो उसके रिश्तेदार एक वंही रेलवे में नौकरी करते थे तो उनको एक रूम वंही मेला था रुकने के लिए लेकिन वो हसाब जी वंहा रुकते नहीं थे कभी कभी आ जाते थे। तो दोस्तों हम लोगो को से खाना पड़ता था हम लोग वंही रुके लगे पढ़ाई करने लगे। दोसो एक दिन की बात है हम मेरा दोस्त स्कूल से शाम को जब वापस आये तो मेरे दोस्त ने शाम कहा चलो भाई शौच के लिए चलते है तो मई मेरा दोस्त चला गया फिर मेरे दोस्त ने रेलवे पटरी पर कुछ पत्थर रख दिए। जिससे वंहा से साहब जी को डाट पड़ी और वंहा से हम लोगो को भागा दिया गया और हम लोग वंहा से चले आये। अब क्या करे तब वंहा से दस मील पर मेरे नाना जी का गांव था फिर हम सब लोगो ने वंहा से रुकर पढाई की से तरीके से बहुत संघर्स किया और क्लास चार तक पढ़ाई कर ली फिर में वंहा ज्यादा शैतानी करने लगा तो मेरे पिताजी वंहा से लिए घर चले आये। लेकिन वंहा मेरी दोस्तों नाना के गांव की लड़की से हो गयी थी वह बार बार हमसे बोली न जाओ मेरा भी मन नहीं हो रहा था।
This story is of mine when I was in class two, then my father had taken my name to be written in a big school, then I went to study from my village, the education of the village was not good, only we had fun with our name. I also did not know how to write in English and something similar happened to me when I had a test in that big school, I had gone from my village to class four after studying, so I was thinking that my name would be written in class five but Friends, something happened to me that if my test was taken, then I was able to do a lot of work in the test, so according to that my name was written in the box. Not only this, friends went with me to study two loads more. Out of which one people's name was in class one and other people in six, in this way we started studying together. Now it was my friends' turn that if my house was there, otherwise it was said to stop, then friends, my friend who was with me, his relatives used to work in the same railway, then they had a room and fair to stay but that account He did not stop there, sometimes he used to come. So friends, we had to eat from people, we stayed there and started studying. Friends, it is a matter of one day when my friend came back from school in the evening, my friend said in the evening, brother, let's go to the toilet, then my friend left, then my friend put some stones on the railway track. Due to which sahib ji was scolded from there and from there we were driven away and we left from there. What to do now, then there was my maternal grandfather's village ten miles from there, then all of us stopped from there and struggled a lot and studied till class four, then I started doing more evil there, then my father came from there. Came home. But there my friends had met a girl from Nana's village, she told us again and again, I did not feel like coming.
दोस्तों आगे की स्टोरी मेरी कुछ इस प्रकार से है अब में गांव में रहने लगा था और गांव से स्कूल जाने लगा था धीरे धीरे मै और भी बड़ा हो गया था ,अब मै उम्र के साथ -साथ शरारते भी करनी स्टार्ट कर दी थी।
अब मै कच्छा नो मै तभी मेरी कुछ शरारते मेरे पिताजी के पास पहुंच गयी शरारत कुछ ऐसी ही थी की मई आप लोगो तक उसे पहुंचा भी नहीं सकता और में एक लड़की से बहुत अधिक प्यार करने लगा था तभी मेरे पिताजी ने मुझे बहुत ज्यादा डाटा और उसी दिन में फिर इंटरमीडियट तक की पढ़ाई तक किसी से दोस्ती नहीं की। ये गाना मेरा बहुत पसंदीदा था।
Friends, my next story is like this, now I started living in the village and started going from village to school, slowly I had grown even more, now I started doing mischief along with age.
Now I don't know, only then some of my mischief reached my father. In the same day, he did not make friends with anyone till his intermediate studies. this song was my favorite.
नैमिषारण्य एक ऐसा तीर्थ स्थल है जो न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, इस तीर्थ स्थल के दर्शन के लिए लोग विदेशों से आते हैं। बाबा तुलसीदास जी ने कहा है कि रामचरित मानस में भी इस तीर्थ स्थल की चर्चा की गई है। नैमिष क्षेत्र की परिक्रमा 84 कोश की है। इसकी गणना प्रधान द्वाद्श अरण्यों में भी है। तीरथ वर नैमिष विख्याता । अति पुनीत साधक सिधि दाता ।। नैमिषारण्य का इतिहास यह एक ऐसा तीर्थ स्थल है जिसके बारे में कहा जाता है कि इस एक तीर्थ स्थल के दर्शन मात्र करने से देश के सभी तीर्थ स्थलों का पुण्य प्राप्त होता है। यहां चौरासी कोशी परिक्रमा की जाती है, जो विदेशों में भी बहुत लोकप्रिय है, ऐसा मानना है कि चौरासी कोशी, यह परिक्रमा चौरासी लाख योनियों की गति से मुक्त करती है। यह सुरम्य धार्मिक स्थल हावड़ा से देहरादून और इलाहाबाद से सहारनपुर तक रेल लाइन पर बालामऊ जंक्शन से सीतापुर (उत्तर प्रदेश) की लाइन पर स्थित है। लखनऊ से सीतापुर की दूरी 89 किमी है, नैमिषारणय सीतापुर के पास 32 किमी पर स्थित है। यह...
इन्टरनेट मार्केटिंग क्या है ? परिभाषा :- इंटरनेट मार्केटिंग वह मार्केटिंग है जो केवल दो चीजों से मिलकर की जाती है पहली इलेक्ट्रानिक डिवाइस और दूसरी इंटरनेट (डाटा ) इन दो चीजों से मिलकर हम एक जगह से बैठे - बैठे विशव के किसी भी कोने से मार्केटिंग कर सकते है। इंटरनेट मार्केटिंग हम कितने प्रकार से कर सकते है :- (1) सर्च इंजन औप्टीमाइज़ेषन या SEO. .. (2) सोशल मीडिया (Social Media) .. (3) ईमेल मार्केटिंग (Email Marketing ) .. (4) यूट्यूब चेनल (YouTube Channel) .. (5) अफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing ) .. (6) पे पर क्लिक ऐडवर्टाइज़िंग या PPC marketing .. (7) कंटेंट मार्केटिंग (content marketing ).. (8)...
Thanks Dear
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